फिशिंग ईमेल क्या है: साइबर अपराधी कैसे आपको फंसाते हैं (उदाहरण सहित)

प्रस्तावना

फिशिंग एक प्रकार का साइबर अपराध है जिसमें अपराधी नकली ईमेल या वेबसाइट के माध्यम से यूज़र की निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। ये ईमेल इतने असली लगते हैं कि यूज़र धोखा खा जाता है।

फिशिंग ईमेल का काम करने का तरीका

  1. नकली ईमेल भेजना — दिखावे में बैंक, कंपनी या सरकार जैसी संस्थाओं के नाम से
  2. लिंक क्लिक करवाना — जिससे यूज़र एक फेक वेबसाइट पर पहुंचता है
  3. डेटा चोरी — यूज़र लॉगिन डिटेल्स, OTP, या कार्ड की जानकारी दे देता है

असली फिशिंग ईमेल उदाहरण

उदाहरण 1: “Dear User, Your account has been suspended. Click to verify.”
उदाहरण 2: “Congratulations! You won ₹10 lakh. Send your Aadhar and bank details.”

चेतावनी संकेत

  • ईमेल ID संदिग्ध हो (जैसे abc123@gmail.com लेकिन दावा RBI का हो)
  • Subject में डर या लालच (“आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है”)
  • अनचाही अटैचमेंट्स या लिंक
  • स्पेलिंग या भाषा में गलतियां

बचाव के तरीके

  1. दो-स्तरीय प्रमाणीकरण सक्रिय करें
  2. ईमेल भेजने वाले की डिटेल्स जांचें
  3. अज्ञात अटैचमेंट न खोलें
  4. फिशिंग की रिपोर्ट करें (Gmail में Report Phishing का विकल्प होता है)

निष्कर्ष

फिशिंग ईमेल एक बड़ा खतरा बन चुका है लेकिन थोड़ी सी समझदारी और सतर्कता से इससे बचा जा सकता है। अगर ईमेल में कुछ संदिग्ध लगे तो बिना सोचे समझे क्लिक न करें।

Adv. Ashish Agrawal

About the Author – Ashish Agrawal Ashish Agrawal is a Cyber Law Advocate and Digital Safety Educator, specializing in cyber crime, online fraud, and scam prevention. He holds a B.Com, LL.B, and expertise in Digital Marketing, enabling him to address both the legal and technical aspects of cyber threats. His mission is to protect people from digital dangers and guide them towards the right legal path.

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