क्रिप्टोकरेंसी घोटाले: रग पुल, पॉन्ज़ी स्कीम और अपने क्रिप्टो संपत्तियों की सुरक्षा कैसे करें

"cryptocurrency scam"

Table of Contents

परिचय

क्रिप्टोकरेंसी ने निवेश की दुनिया में क्रांति ला दी है। बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य डिजिटल करेंसीज़ ने लाखों लोगों को कम समय में मोटा मुनाफ़ा दिया है। लेकिन इसी तकनीकी क्रांति के साथ-साथ धोखाधड़ी और साइबर अपराध भी बढ़े हैं। खासकर “रग पुल” (Rug Pull), “पॉन्ज़ी स्कीम” (Ponzi Scheme) और फर्जी एक्सचेंज जैसे घोटालों ने कई निवेशकों की मेहनत की कमाई को मिट्टी में मिला दिया है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े प्रमुख घोटाले क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं, और कैसे आप अपनी क्रिप्टो संपत्तियों को इनसे सुरक्षित रख सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी घोटाले क्या हैं?

क्रिप्टोकरेंसी घोटाले वे धोखाधड़ी की योजनाएं होती हैं जिनमें क्रिप्टो संपत्तियों को गलत तरीके से निवेशकों से चुराया जाता है। ये घोटाले कई रूपों में हो सकते हैं, जैसे:

  • नकली क्रिप्टो टोकन लॉन्च करना

  • झूठे वादे करना

  • निवेशकों से पैसे लेकर भाग जाना

  • नकली वेबसाइट और मोबाइल ऐप बनाना

इनमें से सबसे प्रमुख दो प्रकार हैं — रग पुल और पॉन्ज़ी स्कीम

रग पुल क्या होता है? (What is Rug Pull?)

“रग पुल” एक प्रकार का क्रिप्टो घोटाला है जिसमें डेवलपर्स एक नया टोकन लॉन्च करते हैं और उसे निवेशकों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं। जैसे ही उसमें भारी मात्रा में निवेश हो जाता है, वे अचानक सारी तरलता (liquidity) हटा लेते हैं और टोकन की कीमत शून्य हो जाती है।

कैसे काम करता है रग पुल स्कैम:

  1. स्कैमर्स एक नया टोकन या DApp (decentralized app) बनाते हैं।

  2. सोशल मीडिया, YouTube, Telegram आदि पर प्रचार कर उसे वैध बताते हैं।

  3. निवेशकों को जल्दी मुनाफा देने का वादा किया जाता है।

  4. जब लाखों रुपये का निवेश हो जाता है, तब डेवलपर्स अचानक पैसा निकालकर प्रोजेक्ट बंद कर देते हैं।

रग पुल का उदाहरण:

2021 में “Squid Game Token” ने कुछ ही दिनों में 1000% तक रिटर्न दिया। लेकिन जल्द ही डेवलपर्स ने सारी तरलता हटा ली और करोड़ों डॉलर लेकर भाग गए।

पॉन्ज़ी स्कीम क्या होती है? (What is a Ponzi Scheme?)

पॉन्ज़ी स्कीम एक पुरानी और प्रसिद्ध धोखाधड़ी प्रणाली है जिसे अब क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में भी अपनाया जा रहा है। इसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसे से भुगतान किया जाता है जब तक कि सिस्टम ढह न जाए।

कैसे काम करती है क्रिप्टो पॉन्ज़ी स्कीम:

  1. स्कैमर्स एक निवेश योजना शुरू करते हैं जिसमें “गैरेन्टेड रिटर्न” का वादा होता है।

  2. शुरू में लोगों को रिटर्न मिलता है, जिससे वे और निवेश करते हैं।

  3. लोग दूसरों को भी जोड़ते हैं — यह मल्टी-लेवल मार्केटिंग जैसा बन जाता है।

  4. जब नया पैसा आना बंद होता है, तो स्कीम गिर जाती है और स्कैमर्स पैसे लेकर गायब हो जाते हैं।

पॉन्ज़ी स्कीम का उदाहरण:

“Bitconnect” नामक प्रोजेक्ट, जिसे कई वर्षों तक वैध माना गया, 2018 में एक बड़े क्रिप्टो पॉन्ज़ी स्कैम के रूप में उजागर हुआ और करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ।

क्रिप्टो घोटालों के अन्य सामान्य प्रकार

1. नकली एक्सचेंज (Fake Exchanges)

ऐसी वेबसाइट्स या मोबाइल ऐप्स जो वैध क्रिप्टो एक्सचेंज होने का दावा करती हैं लेकिन निवेश के बाद फंड निकालने का कोई विकल्प नहीं देतीं।

2. फिशिंग स्कैम (Phishing)

यूज़र्स को नकली वेबसाइट्स या ईमेल के माध्यम से लॉगिन या वॉलेट की जानकारी देने के लिए फुसलाया जाता है।

3. एयरड्रॉप स्कैम

मुफ्त टोकन देने के बहाने निजी वॉलेट की जानकारी या ट्रांजैक्शन फीस मांगी जाती है।

4. नकली ICO (Initial Coin Offering)

नया कॉइन लॉन्च करने के नाम पर लोगों से पैसे लिए जाते हैं और बाद में डेवलपर्स लापता हो जाते हैं।

क्रिप्टो घोटालों की पहचान कैसे करें

1. बहुत अधिक रिटर्न का वादा

अगर कोई प्रोजेक्ट “गैरेन्टेड 10% डेली रिटर्न” का दावा करता है, तो वह घोटाला हो सकता है।

2. अनजान या गुमनाम डेवलपर टीम

अगर प्रोजेक्ट के पीछे की टीम की कोई पारदर्शी जानकारी नहीं है, तो सावधान हो जाइए।

3. ऑडिट न होना

सभी वैध क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स अपनी स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की थर्ड पार्टी ऑडिट कराते हैं। यह न होने पर घोटाले की संभावना होती है।

4. लॉक नहीं की गई लिक्विडिटी

रग पुल स्कैम में अक्सर टोकन की लिक्विडिटी लॉक नहीं होती, जिससे डेवलपर कभी भी धन निकाल सकता है।

5. नकली सोशल मीडिया हाइप

अगर प्रोजेक्ट की केवल सोशल मीडिया प्रचार पर निर्भरता है और कोई तकनीकी जानकारी उपलब्ध नहीं है, तो यह एक संकेत हो सकता है।

अपनी क्रिप्टो संपत्तियों को कैसे सुरक्षित रखें

1. केवल भरोसेमंद एक्सचेंज का उपयोग करें

CoinDCX, WazirX, Binance जैसे प्रमाणिक प्लेटफॉर्म्स का ही उपयोग करें।

2. हार्ड वॉलेट में स्टोर करें

Ledger या Trezor जैसे हार्डवेयर वॉलेट्स में अपनी लंबी अवधि की होल्डिंग को स्टोर करें।

3. कभी भी निजी कुंजी साझा न करें

आपके वॉलेट की प्राइवेट की आपकी डिजिटल संपत्ति की चाबी है — इसे कभी भी किसी के साथ साझा न करें।

4. ऑफिशियल वेबसाइट से ही ऐप डाउनलोड करें

केवल Google Play Store या App Store से ही क्रिप्टो से जुड़े ऐप डाउनलोड करें।

5. 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करें

सभी लॉगिन और ट्रांजैक्शन के लिए 2FA इनेबल करें।

अगर आप क्रिप्टो घोटाले का शिकार हो जाएं तो क्या करें?

  1. तुरंत संबंधित क्रिप्टो एक्सचेंज को रिपोर्ट करें।

  2. cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

  3. बैंक और UPI ऐप्स को सूचित करें यदि कोई ट्रांजैक्शन हुआ हो।

  4. अपने वॉलेट को ब्लॉक करें और सभी पासवर्ड्स बदलें।

  5. FIR दर्ज कराएं और साइबर सेल की मदद लें।

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेंसी एक क्रांतिकारी वित्तीय तकनीक है, लेकिन यह तभी लाभकारी है जब आप सतर्क रहें। रग पुल, पॉन्ज़ी स्कीम और अन्य धोखाधड़ी योजनाएं बहुत चालाकी से निवेशकों को भ्रमित करती हैं। तकनीकी ज्ञान, सही निवेश प्लेटफ़ॉर्म का चयन और समय पर सतर्कता ही आपकी संपत्तियों की रक्षा कर सकती हैं।

निवेश से पहले सोचिए, जांचिए और केवल विश्वसनीय स्त्रोतों से ही आगे बढ़िए — यही आज के डिजिटल दौर में समझदारी की पहचान है।

Adv. Ashish Agrawal

About the Author – Ashish Agrawal Ashish Agrawal is a Cyber Law Advocate and Digital Safety Educator, specializing in cyber crime, online fraud, and scam prevention. He holds a B.Com, LL.B, and expertise in Digital Marketing, enabling him to address both the legal and technical aspects of cyber threats. His mission is to protect people from digital dangers and guide them towards the right legal path.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *