ई-सिम स्कैम: कैसे साइबर अपराधी आपकी बैंकिंग सुरक्षा पर हमला कर रहे हैं ; ताजा घटनाएं, कानूनी उपाय और डिजिटल सतर्कता

ई-सिम स्कैम 2025 में भारत में बैंक फ्रॉड और साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं

ई-सिम स्कैम – भारत में तेजी से फैल रहा ई-सिम बैंक फ्रॉड (eSIM scam bank fraud) डिजिटल सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आया है। अब साइबर अपराधी न केवल आम लोगों बल्कि बैंकों को भी अपने निशाने पर ले रहे हैं, जिससे वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एक फोन कॉल और नकली ई-सिम लिंक के जरिए लाखों रुपए की चोरी संभव हो रही है।

ई-सिम स्कैम: कैसे होता है फ्रॉड?

ई-सिम (eSIM), यानी डिजिटल SIM, आसानी से स्मार्टफोन में एक्टिवेट होती है—बिना किसी फिजिकल कार्ड के। स्कैमर पीड़ित को कॉल करते हैं और फर्जी लिंक भेजते हैं। जैसे ही पीड़ित उस लिंक पर क्लिक करता है, उसका फिजिकल सिम बंद हो जाता है और नेटवर्क गायब हो जाता है। स्कैमर के पास पीड़ित का नंबर एक्टिवेट हो जाता है, अब बैंक OTP, कॉल और सारे मैसेज सीधे अपराधी तक पहुंचते हैं। यही बिलकुल उसी फोन नंबर से बैंक ट्रांजैक्शन करते हैं और बिना OTP या ATM का इस्तेमाल किए, पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं।

तकनीकी शब्द: ई-सिम स्कैम

  • ई-सिम (eSIM): एक वर्चुअल सिम जो स्मार्टफोन में डिजिटल रूप से एक्टिवेट की जाती है।
  • फिशिंग: फर्जी लिंक या मैसेज भेजकर किसी की निजी जानकारी चुराने की प्रक्रिया।

हाल के मामलों की खबरें – ई-सिम स्कैम

  • अगस्त 2025 में एक पीड़ित के खाते से ₹4 लाख उड़ गए, बिना ATM या UPI एक्सेस के, सिर्फ ई-सिम स्कैम से।
  • भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) ने ई-सिम फ्रॉड पर पुख्ता चेतावनी जारी की और SIM फ्रॉड में 3–4 लाख सिम कार्ड को ब्लैकलिस्ट किया है, जो फाइनेंशियल फ्रॉड में इस्तेमाल हो रहे थे।
  • कई प्रमुख मोबाइल कंपनियां (Jio, Airtel) यूजर्स को ऑफलाइन स्टोर से ही eSIM बदलने की हिदायत दे रही हैं, लेकिन स्कैमर फर्जी लिंक या कॉल कर यूजर का नंबर जल्द ही हाईजैक कर लेते हैं।

कानून: नया BNS व IT Act के प्रावधान

भारतिया न्याय संहिता (BNS 2023)

  • धारा 318: छल एवं बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना—फर्जी कॉल/लिंक से बैंक खाते से पैसा निकालना सीधे इसी श्रेणी में आता है।
  • धारा 319: व्यक्ति बनकर धोखाधड़ी—जब कोई अपराधी खुद को मोबाइल ऑपरेटर या बैंक अधिकारी बता कर धोखा देता है।
  • धारा 336: जालसाजी (Forgery)—फर्जी डिजिटल लिंक या डॉक्यूमेंट बनाना और उनका इस्तेमाल करके फ्रॉड करना।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act)

  • धारा 66C: डिजिटल पहचान चुराना यानी eSIM नंबर का उपयोग करना।
  • धारा 66D: कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके फ्रॉड या धोखाधड़ी करना—फर्जी मैसेज, लिंक या वेबसाइट बनाना।

जागरूकता: सुरक्षा के उपाय

  • किसी भी अनजान कॉल या लिंक का जवाब न दें, खासकर SIM बदलने या eSIM एक्टिवेशन के लिए।
  • eSIM एक्टिवेशन का रिक्वेस्ट हमेशा मोबाइल कंपनी के ऑफिशियल स्टोर या ऐप से ही करें।
  • अगर अचानक फोन का नेटवर्क चला जाए, तुरंत अपने बैंक और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को रिपोर्ट करें।
  • अपने मोबाइल नंबर पर होने वाले अप्रत्याशित बदलावों को नजरअंदाज न करें—ये eSIM फ्रॉड का संकेत हो सकता है।

क्या करें अगर आप फ्रॉड के शिकार हो गए?

  1. सबूत सुरक्षित रखें: फर्जी कॉल/लिंक की जानकारी, मैसेज, eSIM एक्टिवेशन डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड।
  2. शिकायत दर्ज करें: तुरंत साइबर क्राइम सेल या पुलिस में FIR दर्ज करें और बैंक व मोबाइल कंपनी को भी सूचना दें।
  3. लॉक करें डिजिटल सेवाएं: बैंक को अनुरोध कर अकाउंट व कार्ड ब्लॉक करवाएं, मोबाइल कंपनी से नंबर को फ्रीज करें।
  4. साइबर सिक्योरिटी पोर्टल का इस्तेमाल करें: https://cybercrime.gov.in/

मोबाइल-फ्रॉड क्यों हो रहा है इतना तेज़?

ई-सिम तकनीक को सुरक्षा, सुविधा और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत लॉन्च किया गया था, लेकिन इसका दुरुपयोग इसलिए संभव है कि फिजिकल वेरिफिकेशन की जगह डिजिटल प्रोसेस, और सोशल इंजीनियरिंग (manipulation techniques) का इस्तेमाल होना आसान है। OTP, बैंकिंग, और मोबाइल नंबर के लिंक होने से फ्रॉड बेहद तेज़ी से (5 मिनट में) हो जाता है।

निष्कर्ष: डिजिटल सुरक्षित रहें, कानूनी जानकारी रखें

2025 में eSIM फ्रॉड भारत के सबसे तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों में शामिल है। आम व्यक्ति और कानून विशेषज्ञ दोनों के लिए डिजिटल जागरूकता, शिकायत की प्रक्रिया, और BNS व IT Act की नई धाराओं की जानकारी जरूरी है। पुनश्च: डिजिटल युग में सतर्क रहें, नेटवर्क और बैंकिंग की हर गतिविधि पर नजर रखें, और फ्रॉड की खबर मिलते ही कानून व सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क करें।

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Adv. Ashish Agrawal

About the Author – Ashish Agrawal Ashish Agrawal is a Cyber Law Advocate and Digital Safety Educator, specializing in cyber crime, online fraud, and scam prevention. He holds a B.Com, LL.B, and expertise in Digital Marketing, enabling him to address both the legal and technical aspects of cyber threats. His mission is to protect people from digital dangers and guide them towards the right legal path.

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